بِسْمِ اللَّهِ الرَّحْمَنِ الرَّحِيمِ |
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1. |
(ऐ रसूल) तुम कह दो मैं लोगों के परवरदिगार |
2. |
लोगों के बादशाह |
3. |
लोगों के माबूद की (शैतानी) |
4. |
वसवसे की बुराई से पनाह माँगता हूँ |
5. |
जो (ख़ुदा के नाम से) पीछे हट जाता है जो लोगों के दिलों में वसवसे डाला करता है |
6. |
जिन्नात में से ख्वाह आदमियों में से ********* |
© Copy Rights:Zahid Javed Rana, Abid Javed Rana,Lahore, Pakistan |
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